हो सकता है कि आपने अपने आसपास या फिर अपने किसी रिलेटिव और किसी भी ऐसे लोगों को देखा होगा जो कुछ ही महीनों या कुछ सालों में ही बहुत आगे निकल गए हैं। बहुत अच्छा पैसा कमाने लगे हैं। और अब उनका लाइफस्टाइल भी पूरी तरह से बदल गया है। और जब आपने इस बारे में पता करने की कोशिश की होगी तो आपको पता लगा होगा कि वो ट्रांसपोर्ट का कोई काम करते हैं। या फिर कोई इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का काम करते हैं। असल में ये बिलकुल सच है कि इस काम में बहुत ज़्यादा कमाई होती है। कोई इस काम में आपकी कोई इन्वेस्टमेंट नहीं होती है। और सारा प्रॉफिट ही होता है। अक्सर जब आप कोई बिज़नेस करते हैं तो उसमें आपका इन्वेस्टमेंट करनी पड़ती है और बार-बार करनी पड़ती है। इसलिए आपकी कमाई भी काम रह जाती है। लेकिन इस का बिज़नेस करने में आपकी कोई इन्वेस्टमेंट न ही शुरू में और न ही आगे कभी लगती है। और आपके पास जितना भी पैसा आता है वो सब आपका प्रॉफिट ही कहलाता है। अगर आप कोई नया काम करने की सोच रहे हैं। और आप पैसा कमाने के लिए सीरियस हैं तो आप एक बार इस लेख को पूरा ज़रूर पढ़िएगा। क्योंकि इस लेख में मैं आपको क्या करना है, कैसे करना है और बिना एक पैसा लगाए आपकी पहले ही दिन से कमाई कैसे होगी ये सब Genuinely बताने वाला हूँ। जी हाँ दोस्तों आप बिना एक पैसा लगाए transport business से पहले ही दिन से कमाई शुरू कर सकते हैं।
transport business
जब तक धरती पर लोग हैं तब तक लोगों की ज़रूरतें हैं। और जब तक लोगों की ज़रूरतें हैं तब तक उद्योग धंधे हैं, व्यापार है और दुकानें हैं और यही कारण है कि transport business कभी रुकने वाला नहीं है बल्कि आने वाले समय में यह और तेज़ी से बढ़ने ही वाला है।
Concept
दो तरह के ट्रांसपोर्टर पाए जाते हैं। जिनमें से एक है फ्लीट ओनर यानी गाडी का मालिक। इन लोगों के पास गाड़ियाँ होती हैं। और इन्हें अपनी गाड़ी लगाने के लिए माल की ज़रुरत होती है। ताकि वो माल एक शहर से दुसरे शहर में पहुँचाकर अपनी कमाई कर सकें। और दूसरी तरफ लोड वेअरर होते हैं जिनके पास माल होता है। जैसे कोई इंडस्ट्री, किसी किसान को अपनी फसल कहीं भिजवानी है या फिर किसी को अपना घर शिफ्ट करना है इत्यादि। इन सब जगहों पर ट्रांसपोर्ट का ही काम होता है। यहाँ तक कि आपके घर में कोई छोटा सा सामान भी आया है तो जहाँ पर भी उस सामान का उत्पादन हुआ है वहाँ से वो सामान गाड़ियों के द्वारा शहरों से होता हुआ ही आया है।
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- आपको क्या करना है?
जो फ्लीट ओनर्स होते हैं वे असल में इन्वेस्टर्स होते हैं। यानी कि ये काम तो कुछ और करते हैं लेकिन इनके पास पैसे होते हैं इसलिए ये गाड़ियाँ खरीदने में पैसे इन्वेस्ट करते हैं। और उन्हीं गाड़ियों को चलवाकर उनसे कमाई करते हैं। जैसे कि मैंने कहा कि ये कुछ और काम करते हैं इसलिए इनके पास इतना समय नहीं होता कि ये मार्केट में बैठकर लोड्स नहीं ढूंढ सकें। लेकिन इन्हें अपनी गाड़ियाँ भी चलवानी होती हैं। ऐसी ही समस्या लोड वेअरर की होती है क्योंकि वे अपने प्रोडक्ट्स बनाने में बिज़ी रहते हैं। इसलिए वे भी गाड़ियों को ढूँढने का काम नहीं कर सकते हैं। यहाँ पर एक बिचौलिए की ज़रुरत पड़ती है जिसे हम Transporter, Broker या फिर Commission Agent भी कहते हैं। Transporter, Broker या फिर Commission Agent का काम ये होता है कि ये लोड वेअरेर से लोड लेकर ट्रक के मालिक को दे देते हैं। और इस पर इन्हें 4% की कमीशन मिलती है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई माल लखनऊ से मुंबई भेजना है और उस माल के हिसाब से उसका रेट 60 हज़ार है तो 4% के हिसाब से इनका कमीशन 2400 रूपए हो जाता है। लेकिन सच कहूँ तो इस कमीशन पर कोई भी ट्रांसपोर्टर या ब्रोकर काम नहीं करता है। क्योंकि यहाँ पर उन्हें लोड तो लोड वेअरर से लेना होता है लेकिन ट्रक के मालिक से खुद बात करके डील फाइनल करनी होती है तो यहाँ पर वे कोशिश यह करते है कि ट्रक मालिक से उनकी डील 50 या 55 हज़ार में ही हो जाए। और अगर ऐसा हो जाता है तो यहॉँ पर उनके 5 से 10 हज़ार रूपए एक्स्ट्रा बन जाते हैं। यानी की अगर उसने 50 हज़ार में डील फाइनल की तो 10 हज़ार रूपए तो उनका यहाँ से प्रॉफिट होगा। और 4% के हिसाब से यानी 2 हज़ार यानि कुल मिलकर उसका 12 हज़ार रूपए का प्रॉफिट हो जाएगा। कई बार रेट काम होने की वजह से मार्जिन ज़्यादा नहीं मिल पाता लेकिन ऐसी स्तिथि में भी आपको आपका 4% तो लीगली मिलता ही है। तो आप समझ गए होंगे कि आपको इस बिज़नेस प्रॉफिट तो ज़रूर होता ही है फिर चाहे वह आपकी 4% की कमीशन हो या फिर अपने काम प्राइस में डील क्लोज करके एक्स्ट्रा कमाई की हो। तो इस तरह से आप ये काम करके 100% प्रॉफिट कमा सकते हैं। क्योंकि आपने यहाँ सिर्फ बिचौलिए का काम करना है इसलिए यहाँ आपका एक पैसा भी नहीं लगने वाला है।
- ज़्यादा प्रॉफिट कैसे कमाएँ?
जैसे लखनऊ से मुंबई कोई गाड़ी माल लेकर गई है। तो ऐसे में कई बार उन्हें वापस लौटने के लिए ट्रक मालिक को माल नहीं मिलता है। तो वे लोग और भी ज़्यादा कोम्प्रोमाईज़ करने के लिए तैयार हो जाते हैं। क्योंकि वो सोचता है कि किसी तरह से डीज़ल का खर्चा, ड्राइवर का खर्चा और बाकी सारे खर्चे पूरे हो जाएँ। तो ऐसे में जो माल वो 60 या 50 हज़ार में लेकर गया होता है वो माल वे 40 या 35 हज़ार में भी ले जाने का तैयार हो जाता है। तो यहाँ पर अक्सर ब्रोकर का और भी ज़्यादा फायदा हो जाता है। कहने का मतलब यह है कि रिटर्न ट्रिप्स में आपको बहुत बार इस तरह से हाई प्रॉफिट हो जाता है।
- कैसे मिलेंगे लोड्स और गाड़ियाँ?
आपको इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना है। अगर आप यह लेख पढ़ रहे हैं तो संभावना है कि आपके पास एक स्मार्टफोन तो ज़रूर होगा। इसके लिए आपको कुछ Apps का सहारा लेना है। जैसे कि वाहक। ये बहुत ही फेमस App है। Playstore पर इसके 10 लाख से ज़्यादा डाउनलोडस हैं। और काफी अच्छी रेटिंग भी हैं। आप इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं। और भी कई सारे Apps हैं जैसे कि Boss. और इसके अलावा भी दूसरी Apps का पता कर सकते हैं। जब आप Playstore पर वाहक सर्च करेंगे तो आपको और भी बहुत सारी Apps नज़र आ जाएँगी। तो आप उन्हें भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें कुछ ऍप्लिकेशन्स फ्री होती हैं। और कुछों के लिए पैसे भी देने पड़ते हैं। आपको शुरू में इस बिज़नेस के लिए पैसे देने की कोई आवश्यकता नहीं है। वाहक बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है। बहुत सारे ट्रांसपोर्टर इसे इस्तेमाल करते हैं। आप भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। फ्री वर्ज़न वाली ऍप्लिकेशन्स पर भी काम होता है। इसलिए आपको बिना परेशान हुए इनका इस्तेमाल करना है। और पेड वर्ज़न के पीछे नहीं भागना है। क्योंकि फ्री वर्ज़न apps पर भी गाड़ियाँ लगती हैं। जो भी App आपको फ्री में काम का ऑप्शन देती है उसी में आपको काम करना है। अब बात आती है कि आपको लोड्स कैसे मिलेंगे। देखिए न तो आप फ्लीट ओनर हैं, न ही आपके पास गाड़ी है और न ही आप कोई प्रोडक्ट बनाते हैं जिसे आप भिजवा देंगे। तो इसके लिए आपको इस तरह के App के दोनों ही वर्ज़न अपने फ़ोन में इंस्टाल कर लेने हैं। इसका मतलब यह है कि आपको गाड़ी मालिक बनकर उन्हीं Apps में आपको लोड्स भी ढूँढने हैं। उन लोड्स से आपको बात करके डील भी फाइनल करनी है। उन्हीं लोड्स को आपको वापस उन्हीं Apps पर वापस डाल देना है। जहाँ से आपको गाड़ी मालिक मिलेंगे। आपको एक तरह से बिचौलिया बन जाना है और वहाँ से अपना कमीशन निकाल लेना है।
- इस Apps से काम कैसे होता है?
कोई भी App जैसे:- वाहक या बॉस ट्रांसपोर्टर दो एन्ड से काम करते हैं। यानी उसी कंपनी का App दोनों के लिए होता है। कई बार इसके लिए कंपनी अलग-अलग App भी बना देती है। लेकिन ज़्यादातर App में एक ऑप्शन गाड़ी मालिक के लिए और एक ऑप्शन लोड वेअरर्स, कमीशन एजेंट और ट्रांसपोर्टर के लिए भी होता है। मान लीजिए आपको कोई माल मिला है जिसे आपको लखनऊ से मुंबई पहुँचाना है। तो सबसे पहले आपको उस App को ओपन करना है। और उसमें अपना लोडिंग पॉइंट यानी लखनऊ डाल देना है। और उसके बाद आपको कहाँ पर जाना है जैसे हमने मुंबई डाल लेना है। उसके बाद आपने और भी डिटेल्स देनी होती हैं जैसे:- कितने टन का माल है और अगर आप बताना चाहते हैं तो आप यह भी बता सकते हैं कि क्या माल है। वैसे ये बताना ज़रूरी नहीं होता है। लेकिन आप बताना चाहें तो ये भी बता सकते हैं कि आपको किस कि गाड़ी चाहिए। जिसमें आपका माल जा सके। आप ये भी बता सकते हैं कि आपका माल किस तारीख को उठ सकता है। इसको लोड डालना कहते हैं। यही App या इसका वर्ज़न गाडी मालिक भी इस्तेमाल करता है। जिस भी रूट का लोड आपने App पर डाला है जैसे लखनऊ-मुंबई रूट। तो उस रूट पर जितने भी गाडी मालिक काम करते हैं। वे जाकर इस App पर लोड ढूँढ़ते हैं। तो ऐसे में आपका लोड उनको दिखाई देगा। फिर इसके बाद वो आपको फ़ोन करेंगे। और अगर आपकी डील फाइनल हो गई तो समझो आपका काम हो गया। और आपको आपके लोड के लिए गाड़ी मिल जाएगी। इस तरह के जेन्युइन Apps में दोनों ही तरफ से वेरिफिकेशन होता है। आपका आधार कार्ड, पैन कार्ड और बाकी के सभी डाक्यूमेंट्स वहाँ पर जमा हैं। और इसी तरह से फ्लीट के भी आधार कार्ड, पैन कार्ड, गाड़ी जो RC और बाकी के सभी डाक्यूमेंट्स जमा रहते है। जिससे इस काम में कोई भी फ्रॉड नहीं कर सकता।
- फायदा
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप यह बिज़नेस बिना किसी पहचान और बिना किसी कांटेक्ट के भी आसानी से शुरू कर सकते हैं।
- कहाँ से करना है आपको ये काम?
इस काम को करने के दो तरीके हैं। पहला तरीका ये है कि जिसमें आपको एक कुर्सी, मेज और एक डायरी की आवश्यकता है। हर जिले या शहर में एक ट्रांसपोर्ट नगर होता है। जहाँ पर इस तरह के ट्रांसपोर्टर, कमीशन एजेंट और ब्रोकर अपनी एक शॉप खोलकर बैठे हुए होते हैं। वहाँ पर आपको बहुत सारे ट्रक्स भी खड़े हुए दिख जाएँगे। आप चाहें तो वहाँ से भी काम शुरू कर सकते हैं। उसमें भी आपकी ज़्यादा इन्वेस्टमेंट नहीं होगी। जैसा की मैंने बताया कि इसमें आपकी एक कुर्सी, मेज और डायरी ही लगने वाली है। और इस तरह के Apps वगैरा इस्तेमाल करने के लिए आपके पास स्मार्टफोन तो है ही। और इसके लिए आपको RTO ऑफिस में जाकर एक छोटा सा लाइसेंस भी बनवाना होता है। इसमें कोई भी बड़ा इशू नहीं है। आपका लाइसेंस एक से दो दिन के अंदर और दो से पाँच सौ रूपए तक का बन जाएगा।
दूसरा तरीका यह है कि आप इस काम को अपने घर से या कहीं से भी कर सकते हैं। और अगर आप कुछ और भी काम करते हैं तो भी आप इसे साइड बिज़नेस की तरह भी शुरू कर सकते हैं। जब आपको लगे कि अच्छी-खासी इनकम शुरू हो चुकी है तब आप ट्रांसपोर्ट नगर में एक शॉप रेंट पर लेकर भी काम कर सकते हैं। मार्केट में जाने से आपका एक अच्छा रिलेशन बनेगा। और ये बहुत ही जल्दी बन जाएगा। और फिर बाद में आपको इस तरह के Apps पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वैसे आपको App का इस्तेमाल भी करते रहना है। इसे छोड़ना नहीं है। आपकी चाहे कितनी भी अच्छी पहचान बन जाए आपको App पर भी लोड्स डालने हैं। और उसके बाद आपको जहाँ से रेट अच्छा मिले आप वहाँ से काम कर सकते हैं। और अगर आपको App से कोई फ्लीट ओनर मिला है तो आपको उनके साथ भी जान-पहचान बना लेनी है। इसके लिए आपको डील फाइनल हो जाने के बाद और गाड़ी लग जाने के बाद उनका कांटेक्ट नंबर और उनकी साड़ी डिटेल्स नोट कर लेनी है। ताकि जब अगली बार उस रूट पर कोई लोड आपके पास आए तो आप उनसे बिना एप्लीकेशन के डायरेक्ट भी कांटेक्ट कर सकते हैं। इससे आपका रिलेशन बनता चला जाएगा। और आपको बहुत सारे फ्लीट ओनर्स भी मिल जाएँगे। और ऐसे लोड्स भी मिल जाएँगे जो आपको डायरेक्ट कांटेक्ट कर सकते हैं।
- कमाई कितनी होगी?
अगर एक हफ्ते में आपकी 2-3 गाड़ियाँ भी लग जाती हैं। तो आप 20 से 25 हज़ार रूपए बड़ी ही आसानी से कमा सकते हैं। और अगर आप ज़्यादा मेहनत करके ज़्यादा कॉन्टेक्ट्स करते हैं तो आपको लोड्स भी ज़्यादा डलेंगे। और ज़्यादा ड्राइवर्स से कांटेक्ट करने पर आपकी रोज़ भी गाड़ियाँ लगनी शुरू हो जाएँगी। तो इससे आप बड़ी ही आसानी से 3 से 10 हज़ार की कमाई हर रोज़ कर सकते हैं। कहने का मतलब यह है कि महीने के एक लाख रूपए तो आपके कहीं भी नहीं जाने वाले हैं। और वो भी ऐसे काम में जिसमें आपको अपनी जेब से एक पैसा भी नहीं लगाना है। तो अगर आप कोई नया काम करने के बारे में सोच रहे हैं तो इस बिज़नेस पर ज़रूर विचार किजिएगा। इस तरह से आप जेरो इन्वेस्टमेंट बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।
मैंने इस बिज़नेस को समझाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है। फिर भी अगर कोई चीज़ रह गई है और आपके मन में कोई डाउट है तो आप कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं। उम्मीद करता हूँ कि आपको ये बिज़नेस आईडिया ज़रूर पसंद आया होगा। तो मिलते हैं फिर किसी दुसरे लेख में तब तक के लिए नमस्कार।
निष्कर्ष
इस लेख में आपको transport business के बारे में बताया गया है। जिससे पता चलता है कि कम से कम निवेश के साथ भी ज़्यादा कमाई वाला बिज़नेस शुरू किया जा सकता है। इसमें लोड वेअरर्स और फ्लीट मालिकों के बारे में बताया गया है। जो इस काम को पूरी तरह से संभालते हैं। इस बिज़नेस में आप ब्रोकर या कमीशन एजेंट के रूप में शामिल हो सकते हैं। इसमें आपको बताया गया है कि आपको फ्लीट मालिकों से कांटेक्ट करना है जिसके लिए आपको कमीशन मिलता है। और इस बिज़नेस में आप पहले ही दिन से कमाई शुरू कर सकते हैं।
FAQ
Ques 1- ट्रांसपोर्ट का बिज़नेस क्या होता है?
Ans- यातायात के साधन जैसे कि कार, ट्रक इत्यादि का इस्तेमाल करके लोगों या फिर सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर पहुँचाना ही ट्रांसपोर्टेशन कहलाता है। जैसे भारत जैसे देश में यात्रियों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। यहाँ देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं।
Ques 2- ट्रांसपोर्ट का काम कैसे शुरू करें?
Ans- ट्रांसपोर्ट बिज़नेस की खूबियों को जानकार आप ये बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपना एक छोटा सा लाइसेंस बनवाना होता है। बिज़नेस मॉडल बनाकर आगे बढ़ें। कर पहचान संख्या प्राप्त करें। और अंततः अपना एक लक्ष्य बनाएँ।
Ques 3- सबसे अच्छी ट्रांसपोर्ट कंपनी कौन सी है?
Ans- Ashok leyland 3718. सबसे लोकप्रिय है। हैवी-ड्यूटी ट्रक्स की बात करें तो पहले स्थान पर Ashok leyland है। इस ब्रैंड के तो सभी व्हीकल फेमस है लेकिन हैवी-ड्यूटी सेगमेंट ट्रक में Ashok leyland 3718 अन्य ट्रक्स पर भारी पड़ती है।
Ques 4- भारत की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी कौन सी है?
Ans- VRL Logistics भारत की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी है। यह कंपनी एकदम से इतनी बड़ी नहीं बनी है। बल्कि इसके पीछे इस कंपनी की सालों की मेहनत लगी है। ये देश के ट्रकिंग किंग भी कहलाते हैं क्योंकि सबसे ज़्यादा कमर्शियल वाहन इन्हीं के पास हैं।
Ques 5- ट्रांसपोर्ट का लाइसेंस कैसे बनाएं?
Ans- आपको इस वेबसाईट पर आवेदन करना है www.transport.rajasthan.gov.in जो कि परिवहन और सड़क सुरक्षा विभाग की वेबसाइट है। सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की इस वेबसाईट www.parivahan.gov.in पर जाकर online services पर क्लिक करें। उसके बाद सारथी पर क्लिक करके आप आगे बढ़ सकते हैं।