maxi dress for women - 2000 रु० लगाकर लाखों महीने की कमाई 🤑🤑

एक दिन सफर करते समय मैं सीमा जी से मिला। उनसे बात करके और उनके बारे में जानने के बाद मुझे ये अहसास हुआ कि गरीबी सिर्फ तब तक है जब तक आप गरीब रहना चाहते हैं। गरीबी से बहार निकलने के लिए जुनून, जज़्बा और लगन होनी चाहिए। सीमा जी के पति नहीं हैं। और 4 बच्चों की ज़िम्मेदारी भी उन्हीं के ऊपर है। मुझे उनके बारे में पता चला कि वे 2 हज़ार रूपए से शुरू किये गए maxi dress for women वाले बिज़नेस से आज 4 सालों बाद लाखों रूपए कमा रही हैं। मैं इस लेख में यही बताने जा रहा हूँ कि उन्होंने ये सब कैसे किया। और आखिर उन्हें सफलता कैसे मिली।

 
maxi dress for women

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सीमा जी ने महिलाओं की एक समस्या को देखा। और वहीं से उन्हें ये काम करने का आईडिया मिला। अगर आप पुरुष हैं तो हो सकता है कि आप ये सोच रहे हों कि मैं सिर्फ महिलाओं के बिज़नेस के बारे में बताने वाला हूँ तो ऐसा नहीं है। इस लेख में बताया जाने वाला बिज़नेस यानि maxi dress for women वाला बिज़नेस महिला या पुरुष कोई भी कर सकता है। सीमा जी ने अपने इस आईडिया पर पूरी लगन के साथ काम किया। और इसलिए आज वे ज़बरदस्त सफलता पा चुकी हैं।

बिज़नेस आईडिया

सीमा जी ने यह नोटिस किया कि महिलाओं की जो अलग प्रकार की ड्रेस होती है जैसे नाइटी या मैक्सी ये उन्हें दुकानों या मार्केट्स में उनकी पसंद की नहीं मिल पाती। कई बार छाप उनकी पसंद के नहीं होते हैं तो कई बार जिस तरह के कपडे उन्हें चाहिए वैसे कपडे उन्हें मिलते ही नहीं। तो सीमा जी ने यह सोचा कि वे प्योर कॉटन के कपड़ों की मैक्सी मैन्युफैक्चर करेंगी। और इसमें महिलाओं को पसंद आने वाले अलग-अलग तरह के छाप भी होंगे। उन्होंने सब कुछ सोचने के बाद शहर की बड़ी कपड़ों की दूकान जहाँ पर लॉट में कपडे मिलते हैं। वहाँ से 2 हज़ार रूपए में कुछ सिलेक्टेड कपडे खरीद लिए। और वापस आकर उन्होंने अपने आसपास के टेलर्स को मैक्सी के कुछ सैंपल दिखाए और उन्हें बताया कि किस तरह से उन्हें इन कपड़ों की सिलाई करनी है। और उसके बाद उन्होंने वे सारे कपड़े टेलर्स को दे दिए। उन्होंने टेलर्स को अपनी मजबूरी बताई और उनसे कहा कि हम इन मैक्सीज़ को बेचने के बाद ही आपको पैसे दे पाएँगे। तो लोगों ने उनकी मजबूरी को समझा और वे इस बात के लिए राज़ी भी हो गए। और उन्होंने बिना पैसों के ही मैक्सीज़ सिलकर उन्हें दे दी। और इस तरह से उन कपड़ों से कुल 20 नाइटीज़ या मैक्सीज़ बनकर तैयार हो गई। जिनको सीमा जी ने अपने गरीब मोहल्ले की महिलाओं को दिखाया। और उन महिलाओं को जो मैक्सीज़ पसंद आई वे उन्होंने खरीद ली। और इस तरह धीरे-धीरे उनकी 20 मैक्सीज़ बिक गई। फिर उन्होंने टेलर्स को उनके पैसे दिए जिसके बाद उन्हें हज़ार का मुनाफा हुआ। इससे इनका होंसला और बढ़ गया। 2 हज़ार रूपए लागत वाले, 1 हज़ार रूपए मुनाफे वाले कुल मिलाकर 3 हज़ार और उन्होंने थोड़े पैसे कहीं से उधार लिए। और इस बार उन्होंने और ज़्यादा कपड़े खरीदे। लेकिन उन्होंने क्वालिटी के साथ कोई कोम्प्रोमाईज़ नहीं किया यहाँ तक कि वे हर बार क्वालिटी को और अच्छा करने की कोशिश करती रही। और जब इस बार उन्होंने ज़्यादा कपडे लिए तो उन्होंने कुछ और टेलर्स से बात की और उन सभी को भी यही कहा कि वे इन मैक्सीज़ को बेचकर आपको आपकी सिलाई दे दूँगी। और काम मिलने पर वे टेलर्स भी इस बात से राज़ी जो गए थे। पिछली बार की तरह इस बार भी इनकी मैक्सीज़ बनकर तैयार हो गई। और धीरे-धीरे काफी सारे लोग और महिलाएँ इनके बिज़नेस के बारे में जानने लगे। और लोग इनसे मैक्सीज़ लेने लगे जिससे उनकी वे सारी मैक्सीज़ थोड़े ही दिनों में बिक गई। और इसी तरह से उन्होंने अपने काम को आगे बढ़ाया। और आज इनकी मैक्सीज़ एक ब्रांड बन चुकी हैं जिस पर वे लेबल और टैग भी लगाती हैं। और शहर के लगभग 100 दुकानदार अपनी दुकान पर उनकी मैक्सीज़ बेचने के लिए लेकर जाते हैं। अब इनकी बिक्री इतनी ज़्यादा होती है कि उन्होंने अपने यहाँ 5 टेलर्स को परमानेंटली हायर किया हुआ है। फिर भी उन्हें कभी-कभी बहार से मैक्सीज़ की सिलाई करवानी पड़ जाती है। क्योंकि अब बिज़नेस में लोग उनको जानने लगे हैं इसलिए दुसरे शहरों से कपडे ऑर्डर किये जाने पर ट्रांसपोर्ट द्वारा उनकी दुकानों पर कपडे पहुँचा दिए जाते हैं।


प्रॉफिट

पूछने पर उन्होंने साफ़-साफ़ तो नहीं बताया लेकिन उन्होंने इतना ज़रूर बताया की डेली बेसिस पर 100 से लेकर 500 मैक्सीज़ बिक जाती हैं। इनकी बिक्री इस बात पर निर्भर करती है कि जो हॉलसेलर्स इनसे मैक्सीज़ ले जाते हैं वे एक दिन में कितने लोग इनके पास आए। मुझे इनकी सबसे अच्छी बात ये लगी कि इन्होनें अपने रिटेल के काम को भी बंद नहीं किया। और उन्होंने बताया कि महीने में 5 से 7 सौ मैक्सीज़ वे रिटेल में यानि आसपास की महिलाएँ जो इनको जानती है कि यहाँ मैक्सीज़ का काम होता है उनको बेच देती हैं। और इनकी सबसे अच्छी बात यह है कि वे उन महिलाओं को भी उसे रेट पर मैक्सीज़ देती हैं जिस रेट पर वे होलसेल दुकानदारों को मैक्सीज़ देती हैं। क्योंकि इनका मानना यह है मानना है कि जिन लोगों ने इन्हें शुरू में सपोर्ट किया उनको हम भूल नहीं सकते हैं। अगर कुल मिलाकर बात करें तो मान लीजिए अगर इनकी हर रोज़ 200 मैक्सीज़ भी बिकती हैं। और एक मैक्सी या नाइटी पर सिर्फ 50 रूपए का ही प्रॉफिट मानकर चलें तो ये 10 हज़ार रूपए हर रोज़ कमा लेती हैं। जोकि मैंने बहुत कम लिया है आप अंदाजा लगाइये कि ये मैक्सीज़ की मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं इसलिए इनका प्रॉफिट इससे ज़्यादा ही होगा। लेकिन मैं बहुत कम लेकर चल रहा हूँ। इस हिसाब से ये हर महीने 3 लाख रूपए कमा रही हैं। और अगर इनके एक साल के टर्न ओवर की बात की जाए तो ये करोड़ों तक चला जाता है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों ये थी सीमा जी की सफलता की कहानी। तो जब सीमा जी इतनी मजबूरी और ऐसे हालातों में ये बिज़नेस कर सकती हैं तो आप क्यों नहीं। आप इनसे इंस्पायर होकर maxi dress for women वाला बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। क्योंकि ये थोड़ा अलग तरह का बिज़नेस है जिसे आप अपने गरीब मोहल्ले से भी शुरू कर सकते हैं। या ऐसे ही किसी मिलते-जुलते आईडीज़ पर काम कर सकते हैं।

उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारा यह बिज़नेस आईडिया ज़रूर पसंद आया होगा। तो मिलते हैं अगले लेख में एक नए और शानदार बिज़नेस के साथ। तब तक के लिए नमस्कार।

FAQ

Ques 1- मैक्सी ड्रैस कैसे पहनते हैं?

Ans- आप इन बातों का ध्यान रख सकती हैं स्ट्राइप्स और प्रिंट्स वाली ड्रेस चुनें, बैल्ट का इस्तेमाल करें, ड्रेस ढीली-ढाली न हो, स्लिट मैक्सी ड्रेस हो, डार्क कलर या मोनोक्रोम हो।

Ques 2- ड्रैस को हिंदी में क्या बोलते हैं?

Ans- लिबास।

Ques 3- मैक्सी ड्रैस का मतलब क्या होता है?

Ans- यह एक तरह की लंबी पोशाक होती है। जो कि टखनों या फर्श तक पहुँचती है। इनका ऊपर का हिस्सा फिट होता है और निचला भाग ढीला होता है।

Ques 4- मैक्सी ड्रैस कहाँ पहन सकती हूँ?

Ans- ये बहुमुखी होती हैं। इन्हें आप जींस के अलावा काम पर, शादी में, डिनर डेट पर और पालतू जानवरों की दुकान में पहन सकती हैं।

Ques 5- मैक्सी ड्रैस शॉर्ट लेडीज़ के लिए अच्छी है?

Ans- हाँ।

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